दही बड़े खट्टी-मीठी चटनी संग,
मैंने बहुत बनाए l
लाल, गुलाबी केसरिया पीले,
रंग भी बहुत लगाए l
मीठी गुजिया, चटपटे दही बड़े,
सब ने मिलजुल कर खाए l
आप की होली कैसी रही,
हमको भी बतलाओ..
फागुन की यह ख़ास पूर्णिमा,
कैसे मनी बताओ॥
_______✍गीता