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फिजा

कुछ लिखूंगा तो तुम बुरा मानगो.
हमारी मोहब्बत पर रार ठानगो.
अब यही रहा अंजाम -ए- इश्क मेरा.
मेरी जज्बातो को जब्त कर हुश्न का इकबाल कर.
यह मोहब्बत नहीं आसान इसका सम्मान कर.

#अवध?

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