हम कैसे करें ऐतबार!
कर भी लें कैसे तुमसे प्यार!
क्या भरोसा है कि तुम हमें
दगा ना दोगे
मेरे हाँथों को उम्र भर के लिए
थाम लोगे।
जब अपनों ने ही अपना ना समझा,
ये दिल एक दरख्ते से जा उलझा।
आस लगाई हमनें एक हरजाई से,
स्वप्न में भी वो दिखाई दे।
देखो मेरे गीतों का वही है आधार
फिर कहो कैसे कर लूँ तुमसे प्यार।