चन्द्र मोहन किस्कु
फूलों की खेती
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दुनिया में अब
बढ़ गया है हिंसा
लोग मिलते ही
लड़ते है झगड़ते है
और हत्या के लिए
हथियार हाथ में लेते है
दुनिया में अब
बढ़ रहा है
बोम और हथियारों की संख्या
बढ़ रहे है फैाज
इसलिए तो फूलों पर
कविता लिख रहा हूँ
बोना शुरू किया है
फूलों की बीज
हँसी, हर्ष की
स्वप्न, शान्ति की
एक दिन बो दूँगा
पुरे दुनिया में
फूल ही फूल
रंग -बिरंगे सुन्दर फूल
हँसीवाले स्वप्न
और गानेवाले हरे खेत
के बीच
ढुँढ़ नहीं पाअोगे
बोम और बारूद रखने की जगह.