बच्चे की खातर माँ कितने ही दान निकाल देती है, M
जिस्म से अपनी सौ बार जैसे जान निकाल देती है,
भूख से बिलखता गर दिख भी जाये कोई मासूम तो,
कुछ सोचे बिन दुपट्टे से सारा सामान निकाल देती है।।
राही अंजाना
बच्चे की खातर माँ कितने ही दान निकाल देती है, M
जिस्म से अपनी सौ बार जैसे जान निकाल देती है,
भूख से बिलखता गर दिख भी जाये कोई मासूम तो,
कुछ सोचे बिन दुपट्टे से सारा सामान निकाल देती है।।
राही अंजाना