Site icon Saavan

बताओ तब तुम कहाँ थे

जब मुझे कयी
सवालों के घेरे में
रखा जा रहा था,
जिनका क़ोई वजूद नहीं
आते जाते अंगुली उठा रहे थें
बताओ तब तुम कहाँ थे।।
जब मुझे सबसे ज्यादा
जरूरत थी तेरी
छाँव में भी थी
सिर पर धूप घनेरी
पग-पग पर,
पङे थे जब चुनौती
समाज के पैमाने पर
थी उतरने की कसौटी
बताओ तब तुम कहाँ थे।।

Exit mobile version