बदलते रहते हैं ज़ुबा लोग पल दो पल में कई बार राही अंजाना 6 years ago बदलते रहते हैं ज़ुबा लोग पल दो पल में कई बार, मगर एक चेहरा बदलने में मुकम्मल वक्त लगता है, छुपाने से छिप जाते हैं राज़ सिरहाने में कई बार, मगर झूठ से पर्दे उठ जाने में ज़रा सा वक्त लगता है॥ – राही (अंजाना)