कहीं आसूं की बारिश थी ,कहीं यादों का झोंका था,
जिसे देखा था बस्ती में वही दिन रात रोता था .
नगर था प्यार का , उजड़ा था गुलशन , शाम ख़ाली थी,
रहूँ कैसे वहां मैं मीर , जहाँ बस ख्वाब सोता था ..
…atr
कहीं आसूं की बारिश थी ,कहीं यादों का झोंका था,
जिसे देखा था बस्ती में वही दिन रात रोता था .
नगर था प्यार का , उजड़ा था गुलशन , शाम ख़ाली थी,
रहूँ कैसे वहां मैं मीर , जहाँ बस ख्वाब सोता था ..
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