बस्ती प्यार की Abhishek Tripathi 9 years ago कहीं आसूं की बारिश थी ,कहीं यादों का झोंका था, जिसे देखा था बस्ती में वही दिन रात रोता था . नगर था प्यार का , उजड़ा था गुलशन , शाम ख़ाली थी, रहूँ कैसे वहां मैं मीर , जहाँ बस ख्वाब सोता था .. …atr