सुकून हम अपने दिल का अब कहू चुके है
हम खुद को गम-ऐ-सागर में डुबो चुके है
क्यों मजबूर करते हो हमें, ये खत दिखा कर
हम पहले से ही उदास है, बहुत रो चुके है………………….!!
D K
सुकून हम अपने दिल का अब कहू चुके है
हम खुद को गम-ऐ-सागर में डुबो चुके है
क्यों मजबूर करते हो हमें, ये खत दिखा कर
हम पहले से ही उदास है, बहुत रो चुके है………………….!!
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