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बादल

चमकते बादल का दर्द किसान से पुछो,
हवा के झोंके का हाल किसान से पुछो।
कितना दर्द हैं देता ओलावृष्टि का मार,
टूटे हुए सपनों का ख्वाब किसान से पुछो।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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