बाद मरने के अपने, हम बहुत रोए
उन्हें पता ही ना चला, उन्हें लगा हम थे सोए
कुछ देर बाद, उन्हें हुआ अहसास,
रो के बोले,”क्यूं चले गए मेरे ख़ास”
किसी को खोज रही थी नज़र
वो आ गए सुन के हमारी ख़बर
उन्हें देख कर मुस्कुराई अंखियां,
लो आ गईं मेरी चंद सखियां
उनके होठों पे तारीफें थीं, आंखों में थे .गम
बस यही चंद यादें संग ले चले हम।