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बाबा की अलमारी

बाबा की आलमारी
लगती थी मुझको पयारी
आचारों और चॉकलेट की फुलकारी

अनसोचे ख्वाबो का पिटारा
कलम किसमिस खिलौनो का पिटारा
बचपन के उन ख्वाबो का ही तोह है सहारा

आज ना बाबा रहे ना उनकी अलमारी
घोसला छोड़ कब के उड़ गए है सब अदाकारी
घर तोह कब के बदल गए
पड़ याद उन्ही के रह गए

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