बारिश मूसलाधार है,
मुम्बई की थमी रफ्तार है।
हर जगह है जलभराव,
रेल की पटरी पर चले है नाव।
हवाएं भी बहुत तेज़ चली,
आती रही बारिश ,मुसीबत ना टली।
जल भर गया है, हर कूचे हर गली,
मानो कुपित हुए हैं इंद्र देव,
माया – नगरी का भयावह है नज़ारा,
प्रसन्न करो अब इंद्र देव को
माया नगरी को देवेंद्र का ही सहारा।