बारिश राही अंजाना 6 years ago बारिश की चन्द बूंदों ने मेरा घर ढूंढ ही लिया, भिगाया मुझे और मेरे एहसासों को चूम ही लिया, सूखा पड़ा था मेरे आँगन का जो कोना कभी, आज मेरे दिल संग मन का आँचल छू ही लिया। राही (अंजाना)