गर्भ के भीतर और बाहर का ज्ञान समाया है,
मनोविज्ञान की शाखा में बालविज्ञान समाया है,
बाल अवस्था से प्रौढ़ावस्था का भान कराया है,
बालविज्ञान ने असहज को सहज कर दिखाया है,
मस्तिष्क में चल रही स्थितियों का पता लगाया है,
इस वैज्ञानिक ढंग को हमने मनोविज्ञान बताया है।।
राही अंजाना