बिस्तर राही अंजाना 5 years ago अँधेरे की वाट लगाने को जुगनुओं को आना पड़ा, समन्दर में नहाने को खुद उतर चाँद को आना पड़ा, आवाज़ लगाई दिल ओ ज़ान से मगर सुनी नहीं गई, तो गमों के बिस्तरों को फिर आसुओं से भिगाना पड़ा।। राही अंजाना