बीते लम्हे Praduman Amit 4 years ago हम वो राह छोड़ दिए ” ग़ालिब “, जिस राह पे हम कभी चला करते थे। वह डायरी हम आज फाड़ दिए, जिस डायरी पे हम कभी, किसी के लिए ग़ज़ल लिखा करते थे।।