बुलंद राम नरेशपुरवाला 6 years ago ठोकर खाकर जमानो मे बुलंद हुए आसमानों मे जो फिरते आग लिए अपने सीनो मे वो रोशनी ढूंढ़ते नहीं बुझे हुए चिरागो मे