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बेगाने

चले थे हम भी साथ ही तोह
तुम आगे हम पीछे रह गए

ज़िन्दगी ने तुम्हे सहारा दिया
हमे अंधेरा

इसमे कोई मलाल नहीं
पर कभी तोह पीछे मुड़कर
तुम देखते

एक आध चाय के जाम हम छलकाते
आखिर कभी यारी थी हमारी

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