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बेगुनाह

उस बेगुनाह ने बस सरल रस्ते बनाये थे,
एक दूजे से जोड़ने को कुछ रिश्ते बनाये थे,
सरदार खुद बन बैठे गुनाह ऐ अज़ीम करके,
जिस इंसान के उस मालिक ने साँचे बनाये थे।।
राही (अंजाना)

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