बेटियों का दर्द
तो सब जानते हैं
पर बेटों के दर्द को
कहां किसी ने देखा है
बेटियाँ चली जाती हैं
घर छोड़ कर
फिर उस घर की
बेटा ही तो देख-रेख करता है
प्यार वह भी करता है
अपने माँ बाप से
अकेले होने पर सिसकता है
दिखा नहीं पाता पर
वह भी खूब रोता है।।