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बेतार का तार

बेतार का तार भी क्या अजब खेल दिखाता है
किसी हेलो पर चेहरा खिलखिलाता है
तो किसी हेलो पर मुरझा जाता है
हर एक कॉल की अलग कहानी है
किसी में घुटन भरी छटपटाहट
किसी में झरनों से बहता पानी है
बिना तार के किसी के साथ
जीवन का संबंध बना देता है
किसी हारे हुए इंसान को
जीने की वजह देता है
सबके जीवन में रस घुले
ऐसी ही चाह हर राह मे होती है
मगर दुख की घड़ी भी जरूरी है
वही जीवन का सच्चा पाठ पढ़ाती है
अपने परायों की पहचान कराती है
दुख और सुख तराजू की तरह
हर इंसान के धड़कन में समाई है
जीवन के सच को जन-जन तक
पहुंचाने की मुहिम बेतार के तार ने उठाई है।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

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