बेज़ुबान दर्द सो गया rajesh arman 8 years ago बेज़ुबान दर्द सो गया ,करवट न ले सकी नींद हमारी लम्हे रुके रुके से रहे , थक के सो गयी किस्मत हमारी क्या रखा था सिरहाने मेरे अपने कापते हाथों से कमबख्त हरसूँ छोड़ गयी कोई धुआं चिंगारी राजेश’अरमान’