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बड़े दिनों के बाद बेचारी आँखों ने

बड़े दिनों के बाद बेचारी आँखों ने,

स्वप्नों भरी एक रात गुजारी आँखों ने,

बेचैनी भरपूर दिखाई आँखों ने,

जिस पल उनसे नज़र मिलाई आँखे ने,

कल्पनाओं की कलम चलाई आँखों ने,

हर दिन नई तस्वीर बनाई आँखों ने।।
राही (अंजाना)

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