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भगवान तेरा शुक्र है

एक बार मैं गरीबी से तंग आकर

ऐसा सोचने लगा

कुछ नहीं दिया भगवान तूने मुझे

ऐसा कहकर उसे कोसने लगा

फिर दूसरी और नजर गुमाई

मैने दो व्यक्तियो को देखा

एक के पास आंखे नहीं थी

और के पास टाँगे नहीं थी

वह दर दर जाकर अपनी

भूख के लिए रोटी माँग रहे थे

कुछ तो दे दो कोई ऐसा वें पुकार रहे थे

फिर मैंने अपने आप को क़िस्मत वाला पाया

फिर मैं उस ख़ुदा का शुक्र करने लगा

और अपनी बोली के लिए माफ़ी माँगने लगा

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