मेरी ज़िन्दगी बदल गई तेरे द्वार आके।
हो गया मैं प्यारा सबका तेरा प्यार पाके।।
चला जा रहा था दिशाहीन पथ पर।
उदसीन होकर मैं दुनिया के रथ पर।।
तूने सम्हाला मुझको अपने द्वार लाके।
हो गया मैं प्यारा सबका तेरा प्यार पाके।।
दुनिया में अब तो कुछ भी नहीं है।
तुझे पा लिया फिर मुझे क्या कमी है।।
तुझको रिझाए आज “विनयचंद”गाके।
हो गया मैं प्यारा सबका तेरा प्यार पाके।।
ज़िन्दगी बदल गई तेरे द्वार……………. पं विनय शास्त्री