भलाई याद रखो
बुराई भूल जाओ
डिगो मत सत्यता से
भले सौ शूल पाओ।
कभी खुशियों के झूले
आप भी झूल जाओ,
अहो, चिंता की बातें
कभी तो भूल जाओ।
नजरअंदाज करना
कला है सीख लो तुम
आजमा कर इसे भी
निकलना सीख लो तुम।
कई मुश्किल मिलेंगी
कई दुश्वारियां भी
मगर मुश्किल समय में
निखरना सीख लो तुम।
कटो मत दोस्तों से
घुसो महफ़िल में उनकी
जिगर में दोस्तों के
चिपकना सीख लो तुम।