Site icon Saavan

भाई तू Mehta की जान है

भाई तू Mehta की जान है
जीवन का वह अनमोल पल होते हैं जो लौट कर कभी नहीं आते है बस यादें साथ रह जाती है । हर बहन के लिए उसका भाई पिता तुल्य होता है ।
भाई छोटा हो या बड़ा बहन को बहुत प्यारा होता है। बहन भी भाई के लिए बहुत प्रिय होती है । मेरे लिए भी मेरा भाई मुझे हद से ज्यादा प्यारा है।
मैं और मेरा भाई दोनों बचपन में खूब लड़ते झगड़ते थे और आपस में एक दुसरे के कभी – कभी नाराज भी हो जाते थे । लेकिन फिर भी हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रहते थे ।
मैंने अपने भाई के लिए एक छोटी सी कविता लिखी है आशा करती हूँ आपको सब को भी पसंद आएगी….
मुझे पता है मेरे भाई को मेरी कविता बहुत पसंद आएगी पर वो मुझे बतायेगा नहीं चाहे अकेला बैठ कर थोड़ा Emotional हो जायेगा…
Bhai देखना तू कविता पढ़ते समय वो हल्की – हल्की स्माइल भी कर रहा होगा और मैं ये पल देख नहीं पाऊंगी…
Oye सुन! बचपन से ही तेरा और मेरा ये रिश्ता बहुत ही अनोखा और चटपटा रहा है, अन्य सभी रिश्तो से बढ़कर क्योंकि बचपन हम दोनों के बीच में हमेशा नोकझोंक होती रहती, लेकिन बड़े होने पर मुझे ससुराल भेज दिया…
अब हम दोनों अलग हो गये हैं….
क्या हम दोबारा से उन पलों यादगार बनाए,
जब मेरा हक तुम पे ज्यादा होता….
भाई तू Mehta की जान है
मेरा पहला – पहला प्यार है तू, मेरी खुशियों से भरा संसार है तू,
सदा खुश रहना तू,
क्योंकि मेरी खुशियों का राज है तू,
तू सिर्फ मेरे भाई नहीं हम तीनों बहनों की जान है ।
माँ की आँखों का तारा ही नहीं बल्कि उनका गुरूर है तू
Oye सुन ! तू भी कितना अजीब है पर मेरे दिल के करीब है,
क्यों इतना khadoos बनता है तू ?
भाई तू Mehta की जान है, मेरा प्यारा भाई है तू,
मुझ से छोटा है तू पर बातें ऐसे करता है जैसे मेरे से बडा है तू …
लेकिन तुम रिश्ते यूँ निभाते रहना,
हम तीनों बहनों के संग तू हमेशा रहना,
चाहे दुःख हो या सुख हो तू हमेशा हमारी हिम्मत बने रहना….
भाई तू Mehta की जान है
मेरा तेरा रिश्ता भाई – बहन का बहुत ही प्यारा है
सबसे अलग सबसे अनोखा सबसे प्यारा है तू…
कभी खट्टा, कभी मीठा ये रिश्ता है हमारा कभी रूठना, कभी मनाना,
कभी झगड़ा, कभी रोना,
भाई तू Mehta की जान है…

Exit mobile version