भार महेश गुप्ता जौनपुरी 4 years ago भार के आगोश में सजा काट रहा है, बचपन अपना भूल कर समझदार बन रहा है। किताबी संसार को अपना जीवन समझ रहा है, बदलते शिक्षा में कुछ को दोषी समझ रहा है।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी