कविताएँ नई होती हैं, पर भाव पुराने होते हैं।
गैम्बलर बदल जाते हैं, पर दाव पुराने होते हैं।।
कितना भी लेबुल बदलते रहो
पर शराब पुराने होते हैं।
नए कम्बल हो या टाट पुराने
पर ताव पुराने होते हैं।।
“विनयचंद “एक शब्द का नहीं प्रभाव पुराने होते हैं।।