भाव लिखने हैं Satish Chandra Pandey 3 years ago फूल बोने हैं भले कांटे उगें बागों में, जोड़ दें रिश्ते सभी नेह के धागों में। भाव लिखने हैं भले बेसुरे ही क्यों न हों, जिसको भायेंगे वही बांध लेगा रागों में। खोजने हैं जो कहीं खो गए हैं बागों में खोजने जायेंगे तो खोज लेंगे लाखों में।