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भाव लिखने हैं

फूल बोने हैं
भले कांटे उगें बागों में,
जोड़ दें रिश्ते सभी
नेह के धागों में।
भाव लिखने हैं
भले बेसुरे ही क्यों न हों,
जिसको भायेंगे वही
बांध लेगा रागों में।
खोजने हैं जो
कहीं खो गए हैं बागों में
खोजने जायेंगे तो
खोज लेंगे लाखों में।

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