भाषा राही अंजाना 6 years ago बिन निज भाषा के ज्ञान के बजे ना कोई बीन, अंग्रेजी जो भी पढ़े होवे हिय से हीन, संस्कारों की खेती अब न कर पाये कोई दीन, हिन्दी को अपनी कोई ले न हमसे छीन।। राही (अंजाना)