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मत पूछिएगा

मत पूछिएगा मुस्कराने का राज दोस्तों

हज़ारो गम हमने दिल में दफ़न कर रख्खे है।

किसको सुनाएँ हाल ए दिल अपना

हर चोट पर हमने कफ़न रख्खे हैं।

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