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मन की बात सुने फिर कौन!!

मन की बात सुने फिर कौन!
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काले धंधे राह अंधेरी मन दोहराए माने कौन!!!!
बात पते की स्वदेशी चीजें ,
देश का मान बढ़ाएं कौन!!
नारी सम्मान हमारा अभिमान, अत्याचार मिटाए कौन!!
देश गर्त में डूबा जाए,
उसको सम्मान दिलाए कौन !!
जो सम्मान दिलाने आए उसके लिए हाथ बढ़ाएं कौन!!
देश की रक्षा हम सबकी सुरक्षा, कंधों पर भार उठाएं कौन!! जिम्मेदारी हमारी भी है ,
आखिर उसे निभाए कौन !!निमिषा सिंघल

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