बुरा कोई नहीं,
बुरी हमारी सोंच है
मन के अन्दर ही बैठा पापी,
कहने में क्या संकोच है।
ढूँढ़ोगे जहान में
यदि तुम अच्छा इन्सान,
मिलना तब तो मुश्किल है
जब बुरी तुम्हारी सोंच है।।
बुरा कोई नहीं,
बुरी हमारी सोंच है
मन के अन्दर ही बैठा पापी,
कहने में क्या संकोच है।
ढूँढ़ोगे जहान में
यदि तुम अच्छा इन्सान,
मिलना तब तो मुश्किल है
जब बुरी तुम्हारी सोंच है।।