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मन चंचल

मुझे अपना बनाने में
इस कदर देर मत तू,
न जाने मन मेरा चंचल
किसी से और जुड़ जाये।
मुझे बस लाभ दिखता है
इसलिए देर मत कर अब
न जाने कब पलट जाऊं
न जाने कब मुकर जाऊं।

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