नफरतों ने दिशा बदल डाली
मन घिरा जाल में स्वयं अपने
बांटी नफरत तो पाई नफरत थी
फिर भी मन में रही है कुछ गफलत।
अपनी मेहनत का फल मिलेगा ही
कटु रहे या भले ही मीठा हो,
ऐसा है कौन इस जमाने में
जिसने ठोकर से कुछ न सीखा हो।
नफरतों ने दिशा बदल डाली
मन घिरा जाल में स्वयं अपने
बांटी नफरत तो पाई नफरत थी
फिर भी मन में रही है कुछ गफलत।
अपनी मेहनत का फल मिलेगा ही
कटु रहे या भले ही मीठा हो,
ऐसा है कौन इस जमाने में
जिसने ठोकर से कुछ न सीखा हो।