मय ही मय देवेश साखरे 'देव' 4 years ago हमें तो पता ही न था, ये नशा क्या शय है। हिज्र-ए-महबूब के बाद, बस मय ही मय है। दुनिया हमारी शराफ़त की मिसाल देती थी, शरीफ़ों मे ही नहीं, रिंदों के बीच भी गये हैं। देवेश साखरे ‘देव’ रिंद- शराबी