जख्म हो तो मरहम लगाना ही पड़ता है,
दिल में कुछ तो छुपाना ही पड़ता है,
बोल दो हर बात ज़ुबा से जरुरी तो नहीं,
कभी खामोश भी तो हमें ही हो जाना पड़ता है।।
राही (अंजाना)
जख्म हो तो मरहम लगाना ही पड़ता है,
दिल में कुछ तो छुपाना ही पड़ता है,
बोल दो हर बात ज़ुबा से जरुरी तो नहीं,
कभी खामोश भी तो हमें ही हो जाना पड़ता है।।
राही (अंजाना)