“माँग में सिंदूर” Pragya 3 years ago उदास रातों को जगा कर और थोड़ा चांद निचोड़ कर दिन में उजाला भर दिया पंछियों की आवाज सुनाई दी है किसी ने सुबह का आगाज़ कर दिया, यूंँ तो रोज सुनाई देती है शहनाई उसने मोहब्बत का इजहार करके मेरी माँग में सिंदूर भर दिया।