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माँ ने आखिर विजयश्री पाई..

बिटियारानी ! अब तो आओ
कहां छुपी हो ये तो बताओ
ढूंढ नहीं पाऊंगी अब तो
नहीं सताओ सामने आओ
लुका-छिपी अब बहुत हुई
तेरी माँ बहुत थक गई
कुछ तो खा लो कुछ तो पी लो
सामने आकर दूध ही पी लो
देखो माँ क्या हाथ में लाई !
चॉकलेट, मैगी, आइसक्रीम, मलाई
यह सुनकर फिर लाडली आई
माँ की ममता ने विजयश्री पाई…

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