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माँ

आज मेरी मां के चेहरे पर मायूसी छाई है
फिर भी देख कर मुझे वह मुस्कुराई है
मेरी रोटी के खातिर जल जाते थे जो हाथ
पहली बार मां के उन हाथों मे कम्पन अाई है

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