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मां का प्यार

लिखना चाहूँ भी तो क्या लिखूँ माँ, कहने को अल्फाज तो बहुत हैं, मगर तेरा प्यार भी तो असीम है, कोई कहानी जैसा प्यार भी तो नहीं है तेरा,

किसी मुशायरे की शायरी जैसा मोल भी तो नहीं है तेरा, जो चंद लफ्जों में बयां कर सकूँ ……

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