अर्पण तन मन धन कर दो,
स्व मातृ भूमि के लिए
रहे वर्चश्व स्व का सदा,
ना हो बंधन,मुक्ति के लिए
-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
अर्पण तन मन धन कर दो,
स्व मातृ भूमि के लिए
रहे वर्चश्व स्व का सदा,
ना हो बंधन,मुक्ति के लिए
-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-