मानव तेरा हजार रूप देखे,,
कभी रावण बनते कभी कंश बनते देखे,
कभी राम बनते देखे कभी Krishna बनते देखे,,
लेकिन जब -जब देखे सच्चाई पर मरते देखे,
मानव तेरा हजार रूप देखे।।
जे पी सिह
मानव तेरा हजार रूप देखे,,
कभी रावण बनते कभी कंश बनते देखे,
कभी राम बनते देखे कभी Krishna बनते देखे,,
लेकिन जब -जब देखे सच्चाई पर मरते देखे,
मानव तेरा हजार रूप देखे।।
जे पी सिह