मायूसियों ने मेरा,
पता ढूॅंढ लिया है
लगता है अब हम को,
बदलना पड़े ठिकाना ।
मायूसियाॅं देने लगी हैं दर्द ज्यादा,
अब यहाॅं रहने का नहीं है कोई फ़ायदा।
सामान अपना उठाकर,
हम रुख़सत हो रहे हैं।
कोई तो उन से कह दो अब हम नहीं मिलेंगे॥
______✍गीता