इंद्रधनुष के सात रंगों सी,
अपनी हो ये यारी।
रहो सदा आप मेरे हृदय में,
बनकर दिल की रानी।
साथ तेरा हो मेरे साथ में,
बनकर सूरज की लाली।
हाथ तेरा हो मेरे हाथ में,
कृष्णा मुरली हो थामी।
रहे अटूट ये रिश्ता हमारा,
चोली दामन के जैसे।
होठों पर मुस्कान सदा हो,
राम चन्द्र के जैसे।
स्नेह गरिमा हो मेरी आपको,
दीपक में बाती हो जैसे।
सम्मान करूँ मैं हर पल आपका,
हरिप्रिया के जैसे।
*मित्रता* हो अपनी भी ऐसी,
कृष्ण और सुदामा जैसे।
मनोकामना है बस इतनी
साथ रहो आप मेरे।।