तू मुस्काया
मैं रो दी थी,
तू घर आया
मैं बाहर थी,
उस जाने ऐसा क्या था
राहों में मिले अचानक हम,
मैं शर्मायी
तेरी होकर,
तू मुस्काया मेरा होकर
तबसे तू मेरा
मैं तेरी,
फिर भी मिलने में
है देरी,
तू मुस्काया
मैं रो दी थी,
तू घर आया
मैं बाहर थी,
उस जाने ऐसा क्या था
राहों में मिले अचानक हम,
मैं शर्मायी
तेरी होकर,
तू मुस्काया मेरा होकर
तबसे तू मेरा
मैं तेरी,
फिर भी मिलने में
है देरी,