मिलने में है देरी Satish Chandra Pandey 4 years ago तू मुस्काया मैं रो दी थी, तू घर आया मैं बाहर थी, उस जाने ऐसा क्या था राहों में मिले अचानक हम, मैं शर्मायी तेरी होकर, तू मुस्काया मेरा होकर तबसे तू मेरा मैं तेरी, फिर भी मिलने में है देरी,